Monday, December 30, 2024

हम बच्चे हैं

हम बच्चे हैं

आप बडे़ हम बच्चे हैं। 
दाँत हमारे कच्चे हैं। 
मन में कोई खोट नहीं, 
हमसब कितने अच्छे हैं। 

भला- बुरा का ज्ञान सीखते, 
मन से भेद मिटाते हैं। 
ऊँच-नीच और जात-पात को, 
कभी न मन में लाते हैं। 
सबको माने एक समान, 
हम सब दिल के सच्चे हैं। 

हाथ जोड़कर, शीश नवाकर, 
नमन आपको करते हैं। 
आप हमें आशीष दीजिए, 
हम-सब आगे बढ़ते हैं। 
कल के कर्णधार बनें हम, 
अभी अक्ल के कच्चे हैं। 

सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

No comments:

Post a Comment