रंग-बिरंगे फूल हैं हम
भारत मांँ की फुलवारी के, रंग-बिरंगे फूल हैं हम।
वैर द्वेष हम कभी न करते, रहते सबसे मिल-जुल हम।
नाम हमारा हिन्दू- मुस्लिम, जैना बुद्ध, सिख ईसाई।
आपस में हम कभी न लड़ते, रहते मिल भाई- भाई।
सुगंध फैलाते दिशा-दिशा,शोभित कर क्यारी- क्यारी।
महकाएँगें माँ का आँचल, यह धरती प्राणों से प्यारी।
देश हमारा चमन बिहंसता,हम बच्चे इसके माली।
सींचेंगे हम क्यारी- क्यारी, महकाएँगें डाली-डाली।
दमकेगा यह देश हमारा, नव प्रसून मुस्काएँगे।
करके तन-मन-प्राण निछावर, सुंदर स्वर्ग बसाएँगे।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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