बड़े काम की चीज कलम है,
मत इसका अपमान करो।
महाशक्ति प्रदान है करती,
जननी-सा सम्मान करो।
इसकी महिमा हर युग में थी,
कोई काल अपवाद नहीं।
इसकी गरिमा सदा रही है,
जन्म हुआ कब याद नहीं।
हर युग का इतिहास है रचती,
सदा ही इसपर शान करो।
महाशक्ति प्रदान..........
जग भर में जितने सस्त्र हैं,
सभी से यह ही है वरिष्ठ।
तलवार-कृपाण,छूरी-फरसा,
हर धारदारों से बलिष्ठ।
बहुत बड़ा हथियार हमारा,
सदा इसपर अभिमान करो।
महाशक्ति प्रदान..............
ज्ञान का भण्डारण करती,
मषी अपना यह बहाकर।
सींचकर कागज की क्यारी,
कागज को यह सदा नहाकर।
सुंदर रचना इससे हम रचते,
हमसब इसका मान करो
महाशक्ति प्रदान.........
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
स्वरचित, मौलिक
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" ( 2057..."क्या रेड़ मारी है आपने शेर की।" ) पर गुरुवार 04 मार्च 2021 को साझा की गयी है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteजी सादर धन्यवाद भाई! मेरी रचना को साझा करने के लिए।
ReplyDeleteसुन्दर सृजन
ReplyDeleteआभार सर
Deleteकलम की महत्ता बताती सुंदर रचना सखी।
ReplyDeleteबहुत सुंदर।
बहुत बहुत धन्यवाद सखी!
Deleteबहुत सुंदर प्रेरक रचना
ReplyDeleteबहुत -बहुत धन्यवाद ।
Deleteकलम का सम्मान ज़रूरी है . प्रेरक रचना .
ReplyDeleteसादर धन्यवाद बहना
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ReplyDeleteइसकी महिमा हर युग में थी,
कोई काल अपवाद नहीं।
इसकी गरिमा सदा रही है,
जन्म हुआ कब याद नहीं।
हर युग का इतिहास है रचती,
सदा ही इसपर शान करो।
महाशक्ति प्रदान..........
..कलम ने क्या क्या नहीं रचा..आपकी सुंदर रचना भी कलम की ही देन है..शाश्वत सृजन..
जी सखी ! आपका बहुत-बहुत आभार
Deleteवाह!सखी ,बहुत खूब । कलम का सुंदर महिमा
ReplyDeleteगान 👌
सादर धन्यवाद सखी!
Deleteबहुत ही सुंदर सराहनीय सृजन।
ReplyDeleteसादर
आभार सखी!
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