Wednesday, June 17, 2020

चेत -चेत तू ऐ चीनियों

खबरदार ऐ चीनी सैनिक,
        आँखें हमें दिखाओ ना।
धोखे से हमला करने वाले,
         इतना तुम इतराओ ना।
हम भारत के वीर सिपाही,
        तुम्हें भगाकर दम लेंगे।
मेरी सीमा पर अगर रेंगे तो,
         हम तेरा फन कुचल देंगे।
इतिहास अगर दुहराओगे,
       उन्नीस सौ बासठ,सड़सठ का।
आठ अगर हम खड़े हुए तो,
     खून बहाएँगे तुम अड़सठ का।
गलवन से तुम कदम हटा लो,
         लेह और लद्दाख हमारा है।
भारत माँ के कंधे पर केवल,
   जन्मसिद्ध अधिकार हमारा है ।
चेत -चेत तू अब ऐ चीनियों,
            तेरा न यहाँ ठिकाना है।
नेस्तनाबुद तुझको करने को,
            हमने भी प्रण ठाना है।

      सुजाता प्रिय'समृद्धि'
स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित

10 comments:


  1. नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" गुरुवार 18 जून 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. सुप्रभातम ।जी सादर नमन ! मेरी रचना को पाँच लिकों के आनंद पर साझा करने के लिए सादर धन्यबाद।

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  3. Replies
    1. सादर धन्यबाद भाई।

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  4. वाह!सखी ,बहुत सुंदर ,ओजपूर्ण रचना ।

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    1. सादर धन्यबाद सखी।

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  5. बेहतरीन रचना सखी 👌

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    1. बहुत-बहुत धन्यबाद सखी।

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  6. आ सुधा जी, सुन्दर समसामयिक रचना !
    नेस्तनाबुद तुझको करने को,
    हमने भी प्रण ठाना है।
    कृपया मेरा ब्लॉग भी विजिट करें और अपने बहुमूल्य विचारों से अवगत कराएं ! सदर साधुवाद ! --ब्रजेन्द्र नाथ

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    1. बहुत-बहुत धन्यबाद आदरणीय।

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