Sunday, June 21, 2020

पिताजी आप पर अभिमान है

पिताजी आप पर अभिमान है।
आपकी हर कीर्ति पर शान है।

बस आप ही तो वह व्यक्ति हैं।
जो हमको देते हरदम शक्ति हैं।

पाल - पोषकर हमें बड़ी किया।
सद्गुणऔर शिक्षा है हमें दिया।

हर अच्छी राह हमें दिखाया है।
अनुशासन में रहना सिखाया है।

आज मैं आपसे बहुत ही दूर हूँ।
मिलने-जुलने से भी मजबूर हूँ।

आपका अनूठा-अनुपम प्यार।
याद आ रहा मुझको बारम्बार।
         सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

6 comments:

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    1. बहुत-बहुत धन्यबाद भाई।आभार

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    2. बहुत-बहुत धन्यबाद भाई।आभार

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  2. सादर आभार बहना बहुत-बहुत धन्यबाद।

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  3. सुंदर भावभीनी रचना

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  4. बहुत-बहुत धन्यबाद भाई।

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