हमने यह प्रण ठाना है।
जीवन में दो वृक्ष लगाना है।
शुरु करें हम हरित क्रांति।
सबके मन में हो तभी शांति।
हरियाली फैलाना है।
जीवन में दो वृक्ष लगाना है।
कोई पेड़ न काटें हम।
मरुभूमि में न पाटे हम।
बंजर न इसे बनाना है।
जीवन में दो वृक्ष लगाना है।
स्वच्छ रखें जल-जमीन -जंगल।
सब जीवों का हो शुभ- मंगल।
पर्यावरण बचाना है।
जीवन में दो वृक्ष लगाना है।
स्वच्छ बनाएँ अपनी धरती।
माँ-जैसी जो पालन करती।
इसको सुखी बनाना है।
जीवन में दो वृक्ष लगाना है।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित
वाह यही संकल्प हर मन को लेना है और उसे पूरा भी करना है |
ReplyDeleteसादर धन्यबाद सखी रेणु जी।
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