Sunday, May 30, 2021

हाइकु लेखन



दृश्य सुहावन

फूलों की क्यारी
सुंदर-सुंदर
लगती है प्यारी।

कलियां मुस्काई
रंग बिरंगी है
मन को भाई।

तितलियां आई
फूल-फूल पर 
है मड़राई।

भौंरे हैं गाते,
सुंदर तान वह
 हमें सुनाते।

कोयलिया कूके
बुझते मन में,
जीवन फूंके।

चिड़िया चहकी
दाना चुगने को
आई बहकी।

आम पेड़ पर
तोता -मैना
रहे चहक कर।

पपीहा कूंजे
कबूतर-तीतर की
बोली गूंजे।

मोर झूम कर
नाच दिखाता
पर फैला कर।

दृश्य सुहावन
क्या बगिया की
है मनभावन।

सुजाता प्रिय समृद्धि
  स्वरचित, मौलिक

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