Monday, May 17, 2021

सुरक्षा सप्ताह के नजारे



गलियां सुनसान हैं,सड़कें वीरान हैं।
हर जगह दिखते पुलिस के जवान हैं।

हाट-बाजार में सन्नाटा है दिखता।
सख्ती के आगे है कोई न टिकता।
पुलिस की कार्रवाई से लोग परेशान हैं।
हर जगह दिखते पुलिस के जवान हैं।

जरूरी काम से घर से हैं निकलते।
छुपते-छुपाते और बचते- संभलते।
हर पल लगता है कि खतरे में जान है।
हर जगह दिखते पुलिस के जवान हैं।

चौक-चौराहों पर वाहन को रोककर।
ई-पास मांगते चालक को टोककर।
ई-पास के सिस्टम से लोग हैरान हैं।
हर जगह दिखते पुलिस के जवान हैं।

गाईड-लाईन उलंघन का लेते जुर्माना।
कोई-न-कोई हैं वे करके बहाना।
कहते कि चल रहा चेकिंग अभियान है।
हर जगह दिखते पुलिस के जवान हैं।

सबके पास क्या एंड्रॉयड फोन है?
ऐसे सवालों पर प्रशासन मौन है।
ई-पास का सिस्टम न इतना आसान है।
हर जगह दिखते पुलिस के जवान हैं।
           सुजाता प्रिय'समृद्धि'
             स्वरचित, मौलिक

2 comments:

  1. ई पास की कठिनाई को सशक्त तरीके से अभिव्यक्त किया । अच्छी रचना ।

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