Wednesday, September 10, 2025

अम्बे गीत (तुम हो कहाँ)

ढूंढ रही तुझे कब से मैं मैया !
तुम हो कहांँ तुम हो कहांँ ।
आकर दर्शन दे दो हे मैया,
तुमहो कहांँ...........
मैं हूंँ मैया दासी तुम्हारी ।
तेरे दरश को फिरूँ मारी-मारी । 
एक झलक दिखला हे मैया 
तुमहो कहांँ.............
 हे मांँ अंबे दया करो अब।
आकर संकट मेरा हरो सब।
दुष्ट जनों से बचा लो हे मैया,
तुम हो कहांँ...............
कलुष मिटा दे मेरे मन से ।
कष्ट हटा दो अब जीवन से।
सच्ची राह दिखा मुझे मैया !
तुम हो कहांँ.............
आलोकित कर मेरा जीवन।
निर्मल मनको हो निरोग रहे मन,
अन्न-धन-जन का वर दो हे मैया!
तुम हो कहांँ

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