Tuesday, September 9, 2025

सरस्वती वंदना (माँ शारदे)

सरस्वती वंदना 
मां शारदे मां शरदे मां शारदे  अज्ञानता से उबार दे।
तेरे शरण में हम हैं आए,लेकर बहुत विश्वास माँ। 
तेरे चरणों में हम सिर नवाएँ, रखकर हृदय में आस माँ।
मेरी मूढ़ता को दूर कर दो, ज्ञान को तू निखार दे।
माँ शारदे......
दिल में विराजे तू सदा, मन में सदा तेरा रूप है।
हर भाव में हर बात में, वाणी में तेरा स्वरूप है।
मन-वचन को मैं स्वच्छ रखूं सुंदर सदा तू विचार दो 
माँ शारदे.......
तेरे धवल वसन और हार जैसा अंत:करण मेरा रहे।
हर जीव की खातिर हृदय में, इंसाफ का डेरा रहे।
हर पूण्य कर्मों को करें हम,इसमें सदा विस्तार दे।
माँ शारदे मां शारदे.....
मेरे जिगरी में माँ सरस्वती,मन में यही है कामना।
पर भ्रष्ट हो जब मन मेरा तब तुम ही मुझको थामना।
कभी भूल से कोई भूल हो तो,से माँ! उसे तू सुधार लें।
माँ शारदे मां शारदे 🙏🙏🙏🙏🙏

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