Tuesday, September 2, 2025

प्रणाम (दोहे)

प्रणाम (दोहे )

जिनके मन में प्रेम  है,करते वही प्रणाम। 
बङे जनों को करें,प्रणाम सुबह-शाम।।

प्रणाम सिखाता लोग को,अनुशासन का भाव 
प्रणाम वही जन करते,जिनका सरल स्वभाव। ।
बडों के लिए  जिनके मन में ,हो आदर का भाव ।

प्रणाम देता शीतलता,मिटाता मन का कशोभ।
सम्मान देते लोग को,रखें न मन में लोभ।।

नम्र करते हैं सदा,झुककर सदा प्रणाम। 

शीश नवागुरु जनों को ,सुबह शाम। 
प्रणाम मिटाता है सदा,मन के सारे क्रोध।।
क्मा
क्षमा-भाव आता सदा,मिटता मन प्रतिशोध। ।
प्रणाम टालता है सदा,अंतर का अहंकार। 
प्रणाम वे जन करते,जिनका श्रेष्ठ  विचार। 
प्रणम्य भाव  से दिखता मानव का व्यवहार। 
मन में लाता नम्रता,सभी श्रेष्ठ संस्कार। ।

सुजाता प्रिय समृद्धि

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