Tuesday, September 9, 2025

अम्बे गीत ( मन मंदिर में)

मांँ अम्बे गीत 
मां मंदिर से,दिल के घर से,तुझको तेरा भक्त पुकारे ।आजा-आजा मांँ ! तुझको तेरा भक्त पुकारे।
आजा -आजा माँ .........
 फूल बिछाऊँ माँ राहों में तेरी,बेली-चमेली और उड़हुल की।
दाख -छुहारा भोग लगाऊँ,दीप जलाऊँ,घृत गुंगूल की।
भक्ति -भाव से भजन करूँ मैं,सुर लय ताल मिलाकर न्यारे।
आजा -आजा माँ...........
आजा मैया शेरोंवाली,भर दे मेरी झोली खाली।
आकर मन अंधकार मिटा दे,से माँ दुर्गे,ज्योतावाली।
नज़र उठाकर देखो मैया ! कब से खड़ी हूँ तेरे द्वारे।
आजा -आजा माँ..........
दया करो तुम हे जगदम्बे,सुन लो मेरी विनती अम्बा।
निज भक्तों पर दया तू करती,से जगजननी से अबलमबा।
तेरी दया का इस ले दिल में,देख रही हूँ सपने प्यारे।
आजा -आजा माँ.............
जग का सब संताप मिटा दो,रोग शोक को दूर भगा दो।
हे माँ दुर्गा दुर्गति नाशिनी मन में यह विश्वास जगा दो।
कृपा करो तुम हे माँ अम्बे !कब से खड़ी हूँ शरण तुम्हारे।
आजा -आजा माँ...............

No comments:

Post a Comment