मेरी विनती है पास मेरे आ जा s s s s
माँ आ के दरस दिखला जा।
ओ शेरोंवाली माँ.......
मैं कब से खड़ी, राहों में तेरी, राहों में तेरी।
माँ तू ही बता,तू कहाँ हो खड़ी,कहाँ हो खड़ी।
वो पहाड़ों वाली माँ! मुझको ढूंढूं मैं कहाँ
मेरी विनती है....
माँ आ के दरस.....
मेरी प्यासी नजर , ढूंढती है इधर,और उधर।
माँ तुम ही बता आती न नजर,न नजर।
तुमको देखूं मैं कहाँ ? आ जाओ तुम यहांँ।
मेरी विनती है.....
माँ आ के दरस......
तेरी पूजा करूँ, फूलों को चढ़ा,हां माँ हम चढ़ा।
तेरी आरती करूँ, और करूं वंदना, हां वंदना।
तुझको चुनरी ओढ़ा,खूश होऊं मैं यहांँ
मेरी विनती है पास मेरे....
माँ आके .......
चरणों में तेरे, मैं आकर पड़ी,हूँ पड़ी।
वर दे दो मुझे, मैं जिद पर अड़ी हूँ अड़ी।
वर देने वाली माँ, तुझको ढुंढूँ मैं कहाँ?
मेरी विनती है........
माँ आके .........
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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