Tuesday, September 9, 2025

जगदम्बे गीत (माँ जगजननी को)

बोल (सौ साल पहले हमें तुमसे प्यार था)

माँ जग जननी को, भक्तों से प्यार था,२
आज भी है और कल भी रहेगा।
निज भक्तों से माँ को, बड़ा ही दुलार था२
आज भी है और कल भी रहेगा।
माँ जगजननी को.......
जो मैया के दर जाता,मांँ उसकी झोली भरती है।
जो दुख और चिंता से व्याकुल, उसका संकट हरती है। शेरों वाली मैया के भक्त हजार थे ।
आज भी है ..........
मांँ के नैनों में देखो, छवि भक्तों की बसी प्यारी ।
मांँ का हर रूप है न्यारा,इसकी ममता है न्यारी ।
मैया जी को बेटों पर सदा ही दुलार था ।
आज भी है............
 सुन विनती मांँ अम्बे हमें बल बुद्धि दो इतनी।
 मैं सबको सुख पहुंचाऊँ सहायता चाहे जो जितनी। 
 युग-युग पहले माँ का,सजा दरबार था।
 आज भी है..............

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