Wednesday, June 29, 2022

मायका का प्यार

मायका का प्यार 

बचपन की जुड़ी हैं यादें,
बचपन का जुड़ा है प्यार।
भूले नहीं भूलता है मन,
मायका का प्यारा संसार।

अम्मा के आँचल की छैयां,
बाबा की बाहों का झूला।
खुली हवा में बचपन जागा,
वातावरण था खुला -खुला।
कैसा आनंद से भरा था,
वहांँ का अपना घर-द्वार।
भूले नहीं भूलता है मन,
मायका का प्यारा संसार।

दादी के कहानी-किस्से,
दादा का सीख-सीखावन।
चाचा का लाया खिलौना,
चाची के गीत लुभावन।
बुआ का छुप-छुपकर देना,
वह प्यार भरा उपहार।
भूले नहीं भूलता है मन,
मायका का प्यारा संसार।

रंग-बिरंगे फूलों की क्यारी,
वह अमियां की छाया।
सखियों संग घूमना-फिरना,
खेल -खिलौनों की माया।
झगड़ों के संग याद आता है,
भैया -दीदी का दुलार।
भूले नहीं भूलता है मन,
मायका का प्यारा संसार।

होली-दिवाली, बड़ी निराली,
वह प्यार भरा दशहरा।
मकरसंक्रांति, रक्षा बंधन,
लगता था बड़ा सुनहरा।
याद सदा सताता मुझको,
सदा ही सारा त्योहार।
भूले नहीं भूलता है मन,
मायका का प्यारा संसार।
        सुजाता प्रिय समृद्धि

3 comments:

  1. बहुत ख़ूब ! कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन ---

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  2. बहुत सुंदर रचना।

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  3. मायका तो सारी जिंदगी याद आता है । लेकिन सारी जिंदगी मायका रहता नहीं ।

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