Tuesday, June 21, 2022

योग (हाइकु)

करते जाओ
योग तुम भाई जी
रोग भगाओ।

सुखी रहो तू
सभी जनों के भी तू
दुःख मिटाओ।

योग से होता
यह काया कंचन
दुःख ना आये।

जो करते हैं
उठ योग हमेशा
वो सुख पाये।

जीवन का है
अभिन्न अंग यह
अपनाते जा।

सहजता से
निरोग वदन को
तू बनाते जा।

योग के इस
प्यारे अनुभव को
बाँट सभी को।

जो दुःख देता
रोग-कष्ट-बीमारी
काट सभी को।

योग है देता
नियंत्रण-ताकत
इच्छाओं पर।

दिनचर्या में
शामिल कर इसे 
अपना कर।

सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

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