Thursday, June 23, 2022

घनाक्षरी

डमरू घनाक्षरी

खटपट मत कर, नटखट मत बन,
झटपट झटपट,चल अब पथ पर।

घट रख सर पर,डगर पकड़ कर,
पनघट पर चल,झट-झट जल भर।

लख यह पग-पग, पथ यह जगमग,
डगमग-डगमग,रह-रह मत कर।

बम-बम हर-हर,यह कह जल भर,
वदन रगड़ कर,मत कर थरथर।
             सुजाता प्रिय समृद्धि

3 comments:

  1. क्या बात है !!!! मुझे कक्षा 1 की हिंदी पुस्तक याद आ गयी ....
    मदन घर चल ...

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  2. आदरणीया सुजाता जी, नमस्ते 🙏! सुन्दर घणाक्षरी छंद! बिना कोई आकार, इकार आदि की!साधुवाद!

    कृपया दृश्यों के संमिश्रण और पृष्ठभूमि में मेरी आवाज में कविता पाठ के साथ निर्मित इस वीडियो को यूट्यूब चैनल के इस लिंक पर देखें और कमेँट बॉक्स में अपने विचारों को देकर मेरा मार्गदर्शन करें. हार्दिक आभार! ब्रजेन्द्र नाथ
    यू ट्यूब लिंक :
    https://youtu.be/RZxr7IbHOIU

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  3. बहुत सुंदर सृजन

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