Thursday, June 16, 2022

आम (दोहा )

आम फलों का राजा है,जानते हैं सब लोग।
पूजा में सब देवों को,लगता है इसका भोग।।

कच्चा में हम खाते हैं,इसकी चटनी पीस।
पकने पर हम चूसते,थोड़ा पत्थर पर घीस।।

लू लगे तो आम पका, रगड़ नहाते यार।
अमझोरे पीकर अपना,करते हैं उपचार।।

कहते हैं सब वैद्य-ऋषि,आम गुणों की खान।
जो इसका सेवन करे,वह बड़ी बुद्धिमान।।

बीजू मालदा दसहरी,अनेकों इसके नाम।
सभी अनोखे स्वाद में,अलग-अलग हैं दाम।।

2 comments:

  1. नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शुक्रवार 17 जून 2022 को 'कहना चाहती हूँ कि मुझे जीवन ने खुश होना नहीं सिखाया' (चर्चा अंक 4464) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। 12:01 AM के बाद आपकी प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।

    चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।

    यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।

    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

    #रवीन्द्र_सिंह_यादव

    ReplyDelete
  2. बहुत खूब आम के गुणों पर सुंदर दोहे।

    ReplyDelete