नित्य नवाते भारत माँ,हम शीश तुम्हारे चरणों में।
माँ शीश तुम्हारे चरणों में।।
नित्य सेवा करके पाते हैं,आशीष तुम्हारे चरणों में ।
आशीष तुम्हारे चरणों में।।
हिमालय तेरा मुकुट बना।
गंगा-यमुना तेरी माला।
पायल बनकर झंकार रहा,है हिंद तुम्हारे चरणों में।
माँ हिंद तुम्हारे चरणों में।
जब तक सूरज और चाँद रहे।
जब तक गंगा की धार रहे।
धरती पर तेरी शान रहे, रहे जीत तुम्हारे चरणों में।
रहे जीत तुम्हारे चरणों में।
तू विश्व विजेता बन जाये।
फिर विश्व गुरू- बनकर छाये।
और विश्व शिरोमणि कहलाये,रहे प्रीत तुम्हारे चरणों में,
रहे प्रीत तुम्हारे चरणों में।
सुजाता प्रिय
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