Tuesday, September 19, 2023

गणेश वंदना ( दोहा छंद)

गणेश वंदना ( दोहा छंद)

देव गणपति पधारिए,आज हमारे धाम।
चरणों में मस्तक नवा,करते हम प्रणाम।।

मन से लोग पुकारते, लेकर उनका नाम।
जीवन सदा संवारते,बनते बिगड़े काम।।

दीन-हीन जो लोग हैं, रखते उनकी लाज।
अपने भक्तों के सदा,सफल करें सब काज।

मूषक वाहन चढ़ सदा, करें भ्रमण चहुं ओर।
आपद-विपद सभी हरें,चाहे जितना घोर।।

विघ्नेश्वर-संकट हरण,सबके दीनानाथ।
अपने भक्तों के सदा,सिर पर रखते हाथ।।

         सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

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