होनहार विद्यार्थी
मन शरीर स्वस्थ रहें,
सात्विक भोजन करते हैं।
स्वान निद्रा में सोते हैं,
सुबह जाग कर पढ़ते हैं।
बगुले जैसा ध्यान लगाकर,
स्वाध्याय वे करते हैं।
जब-तक पाठ याद ना होता,
काक चेष्टा करते हैं।
बुरे- विचार मन में ना आए,
अच्छी संगति करते हैं।
सबसे सीखते,सबको सिखाते,
ज्ञान अर्जन करते हैं।
घर में पाठ समझ न आता,
विद्यालय की राह पकड़ते हैं।
सुजाता प्रिय समृद्धि
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