Monday, September 18, 2023

तीज

तीज का त्यौहार आया, निर्जला उपवास है।
व्रत रखती नारियों के,मन में बड़ा उल्लास है।।
बालू की त्रिमूर्ति बना कर बहुत विश्वास से।
पूजती सती-गौरी-शंकर,को वर की आस से।।

स्नान कर वस्त्राभूषण,पहना पुष्प की माल को।
सिंदूर-रोली को लगाकर,सजाती सबके भाल को।
गौरी शंकर को मनाती,करती मन से वंदना।
संग उनके हैं विराजे, कार्तिक गणपति नंदना।।

मेवा मोदक भोग है,संग रख मिष्ठान को।
कर आरती कर्पूर की,करती नमन भगवान को।।
मांगती वर ईश से, सौभाग्य की कर कामना।
हे प्रभु सौभाग्य दो,मन यही है भावना।।
           सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

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