Tuesday, September 19, 2023

गणेश वंदना (विधाता छंद )

गणेश वंदना (विधाता छंद)

गजानन जी पधारो तुम,मुझे विश्वास तुम पर है।
अभी आजा हमारे घर, न तुझ बिन शोभता घर है।।

भला किसको बुलाऊंँ मैं,मुझे बस आस है तेरी।
जरा आकर नजर फेरो,करो ना आज तुम देरी।।

लगाकर कूश का आसन,बिठाऊँ आपको उसपर।
नहाकर साफ जल से मैं, सजाकर रेशमी चादर।।

लगाऊंँ भाल पर चंदन,चढ़ाऊँ पुष्प की माला।
लगाऊंँ भोग लड्डू का,पिलाऊँ दूध का प्याला।।

चरण तेरे पडूँ देवा,जरा मुझ पर दया करना।
अगर पथ में रुकावट हो,सुनो उसको अभी हरना।।

बना दो आज बिगड़ी तुम,मिटा दो वेदना मन की।
पकड़ पतवार हाथों से,उबारो नाव जीवन की।

मुझे आशीष दो इतना,सभी पूरे मनोरथ हों।।
मुझे मंजिल मिले मेरी,रुके कोई नहीं पथ हों।।

 सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

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