जनम लिये नन्दलाल बधाई भारत को।
नन्द के लाल, यशोदा के लालन,
मदन-मुरारी गोपाल बधाई भारत को।
जनम लिये नन्दलाल........
कंश-असूर को मार गिराए।
ध्रुव-प्रहलाद के प्राण बचाए।
बनकर रक्षापाल बधाई भारत को।
जनम लिये नन्दलाल.........
मुरली धुन पर राग सुनाये।
व्रजवासिन को आन रिझाये।
छेड़े सुर-लय-ताल बधाई भारत को।
जनम लिये नन्दलाल..............
गौ को चराकर वन-उपवन में।
भर दी जन-जन के वे मन में।
गो पालन की चाल, बधाई भारत को।
जनम लिये नन्दलाल.....
द्रौपदी की लाज बचाए।
हाथ उठाकर चीर बढ़ाए।
सभा में किये कमाल, बधाई भारत को।
जनम लिये......
अंगुली पर गिरि को उठाए।
व्रजवासियों को प्रलय से बचाए।
छत्र हम गिरी को सम्हाल बधाई भारत को
जनम लिये नन्दलाल.......
अर्जुन के सारथी बन कर।
गीता का उपदेश सुनाकर।
तोड़े माया जाल, बधाई भारत को।
जनम लिये नन्दलाल............
जो जन मन से आज बुलाते।
किसी रूप में दौड़े हैं आते।
हरते हैं दुःख-काल, बधाई भारत को।
जनम लिये नन्दलाल,...........
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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