पहला सोमवार बा (भोजपुरी भाषा)
सावन के बहार बा,पहला सोमवार बा,
भोला बाबा के धेयान लगाबा,सबके बेड़ा पार बा।
गंगाजल भोला पर चढ़ावा,हर-हर,बम-बम बोल के।२
चंदन घीस-घीस लगावा,जी भर मननमा खोल के।
बाबा ही आधार बा,हमरा के आसार बा,
भोला बाबा के धेयान लगाबा,सबके बेड़ा पार बा।
आँक-धथुरा फूल चढाबा,और चढ़ाबा बेलपत्तर।
भांग पतैया पीस चढ़ाबा,और चढ़ाबा तू इत्तर।
नैया मझधार बा,बाबा खेवन हार बा,
भोला बाबा के धेयान लगाबा,सबके बेड़ा पार बा।
धूप-दीप नैवेद्य चढ़ाबा,जराबा,घी के बाती जी।
भजन आरती सब मिली गाबा,जागा सारी राती जी।
बाबा के दरबार बा,गूंजत जय जय कार बा।
भोला बाबा के धेयान लगाबा,सबके बेड़ा बा।
भोला बाबा औघड़दानी,सब जन के वर देबेे ला।
बाबा उनकर आस पुरैहें,जे इनखा के सेबे ला।
महिमा अपार बा,जानत संसार बा,
बोला बाबा धेयान लगाबा सबके बेड़ा पार बा।
सुजाता प्रिय समृद्धि
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