Wednesday, July 13, 2022

गुरु को नमन



जब ज्ञान गुरु ने दिया हमको,
हम आज कहाते ज्ञानी हैं।
गुरु ज्ञान के आशीर्वचनों से,
हम बने स्वाभिमानी हैं।

बिन गुरु ज्ञान न पाते हम।
मूर्ख सदा ही रह जाते हम।
गुरु ज्ञान की राह दिखाई हमें,
फिर बोलो क्या हैरानी है।

हम मूरख और अज्ञानी थे।
अज्ञानतावश अभिमानी थे।
गुरु ज्ञान-नदी में डुबा हमको,
नहलाये वे ब्रह्म ज्ञानी हैं।

गुरु सच्ची राह दिखाते हैं ।
अज्ञानता को दूर भगाते हैं।
गुरु सच्चे साधक हैं जग में,
और अमृत उनकी वाणी है।

सिखाते हमको सदाचार गुरु।
किये हम पर यह उपकार गुरु।
है शीश झुकाके नमन उनको,
गुरु ज्ञान के बड़े ही दानी हैं।

सुजाता प्रिय समृद्धि

5 comments:

  1. है शीश झुकाके नमन उनको,
    गुरु ज्ञान के बड़े ही दानी हैं .. बहुत सही

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  2. गुरु महिमा पर सुंदर समर्पित भाव।
    बहुत सुंदर सृजन।

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  3. गुरु की कृपा बनी रहे

    सुंदर सृजन

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