Tuesday, July 26, 2022

आजादी कैसे मिलती है।

आजादी कैसे मिलती है

आजादी कैसे मिलती है,पूछो तुम उन वीरों से।
जिन्होंने अपना सिर टकराया, गुलामी की जंजीरों से।
जिन्होंने अपना सिर..........
अथक परिश्रम और प्रयास से आजादी दिलवाई थी।
अपने जीवन का दांव लगा, दुश्मन को धूल चटाई थी।
कितने युद्ध किया था उसने पूछो उन रणधीरों से।
जिन्होंने अपना सिर................
आजादी की खातिर जिसने,अपना खून बहाया था।
भारत को आजाद कराने,अपना सिर कटवाया था।
जीवन के अंतिम छण तक,डटे रहेे,डरे नहीं बलवीरों से।
जिन्होंने अपना सिर...............
सीने पर गोली खायी थी और अपमान के घूँट पीये।
बाँध कफ़न भीड़ गये थे उनसे, कहते हुए हम बहुत जिये।
अपनी ज़िद पर अड़े हुए,पार गये लकीरों से।
जिन्होंने अपना सिर ................
कितने बंकर उड़ा दिये थे,कितनी सेना मारी थी।
मत पूछो इनके आगे दुश्मन की सेना भारी थी।
कितने चौकी ध्वस्त किये थे,पूछो
किन तदवीरों से।
जिन्होंने अपना सिर...............
चढ़ गये फाँसी हँसते-हँसते, तनिक नहीं वे घबराये।
भारत माँ की रक्षा की कसम नहीं टूटने पाये।
इसलिए हंँसकर प्राण गंवाई थी,पूछो इन प्राचीरों से।
जिन्होंने अपना सिर..............
          सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

2 comments:

  1. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  2. बहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना प्रिय सुजाता जी।सच है कि माँ भारती के वीर सपूतों की महिमा का गुणगान कैसे करें जिन्होने अपनी और अपने परिवार की खुशियाँ मिटाकर मातृभूमि की बलिवेदी पर सर्वस्व बलिदान किया।वीर बलिदानियों को सादर नमन 🙏🙏🙏🙏🙏🌹🙏🙏🙏🙏🌹🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹

    ReplyDelete