Saturday, July 2, 2022

जगन्नाथ भगवान



जगन्नाथ भगवान

जगन्नाथ भगवान,
है बारम्बार प्रणाम,
आई हूँ आपके धाम,
कृपा अब कीजिए।

आपके आपके पास,
हम सब दासी-दास,
लेकर मन उल्लास,
शरण में लीजिए।

सुनहरा यह संयोग,
मिलकर सारे लोग,
लगाने आए हैं भोग,
भोग आप कीजिए।

लेकर मन उमंग,
बजा करके मृदंग,
गायेंगे कीर्तन संग,
आशीष दीजिए।

सुजाता प्रिय समृद्धि

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