Thursday, July 7, 2022

यह भारत की नारी है (चित्र आधारित रचना)

यह भारत की नारी है

पुरुषों से कदम मिलाकर चलती,वह भारत की नारी है।
हर पल पुरुषों का साथ निभाती वह भारत की नारी है।

घर का काम निपटाकर बाहर पुरुषों का साथ निभाती है।
पीठ पर बच्चे को बांँध कर,संग खेती करने जाती है।

कुदाल चलाती,खेत कोड़ती,हल चलाकर खेत जोतती।
मेड़ बनाकर बीज बोती,एक-एक कर पौध रोपती।

भला कैसे गुजारा होगा अब, हाल बड़ा बदहाल है।
करे क्यूं न मजबूरी में, यह पापी पेट का संभाल है।

फिर भी जन हाथ उठाकर कहते हैं शक्तिहीना नारी है।
है केवल ममता की मूरत, कोमल अबला यह बेचारी है।
     सुजाता प्रिय समृद्धि

No comments:

Post a Comment