Tuesday, August 3, 2021

आईना



देखकर आईने में सूरत निहारते।
बड़े ही जतन से सजाते-संबारते।

सांवली सूरत को गोरी बनाने को।
दागदार चमड़ी को कोरी बनाने को।
सौंदर्य-प्रसाधनों से उसको निखारते।
बड़े ही जतन से..............
केवोन को संवारते विभिन्न तरीके से।
गूंथते ओर बांधते बड़े सलीके से।
देखकर आईना कंघी से हो झाड़ते।
बड़े जतन से... ‌......................
पहनकर वसन बार-बार हो देखते।
आईने में हर बार हो नज़र फेंकते।
वसन को ठीक करने को हाथ मारते।
बड़े ही जतन से.................
तू काश आईने में अपने मन को देखते।
बस एक बार अंतर में नजर को फेंकते।
अपनी बुराइयों को थोड़ा सुधारते।
बड़े ही जतन से...................
           
          सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
             स्वरचित, मौलिक

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