Sunday, August 1, 2021

चरित्र-निर्माण करो (गीत)



निर्माण अगर कुछ करना है तो,
प्रथम चरित्र-निर्माण करो।
अपने उत्तम चरित्र के बल पर,
जग का कुछ कल्याण करो।
अपने उत्तम.............. ...
बड़े भाग्य से हमने प्राणि,
मानव का तन पाया है।
बल,बुद्धि,विवेक-विद्या भी,
भाग्य हमारे आया है।
वरदान विधाता ने दिया है,
उसका तुम सम्मान करो।
अपने उत्तम........... ‌....
नहीं कठिन है काम कभी भी,
करना चरित्र -निर्माण सुनो।
शिष्टाचार -सहिष्णुता-सभ्यता को,
शांत-चित से मन में गुनो।
भला-बुरा सारे कर्मों को केवल,
मन में अनुसंधान करो।
अपने उत्तम....................
सदा करो सत्संग तू भाई,
सत्पथ पर चलते जाओ।
महापुरुषों के सुविचारों औ
सद्गुणों को भी अपनाओ।
अगर तुम्हें गुण वैभव हो तो,
उसपर ना अभिमान करो।
अपने उत्तम .....................
चरित्रवान जनों को हरदम,
मिलता है जग में आदर।
सेवा-त्याग समर्पण से ही,
स्थान बनाते हैं सादर।
अपनी मेहनत और हिम्मत से,
संसार का तुम उत्थान करो।
अपने उत्तम .....................
             सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
               स्वरचित, मौलिक

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