Friday, August 6, 2021

धनमा रोपा हो किसनमा (मगही भाषा )


     
बाबा जी के खेतबा में,बरसे सवनमा।
खेतबा जोता हो किसनमा।
खेतबा जोतिए जोती,मेड़िया बनाबा,
चारों ओरी एक रे समनमा।

मेड़िया के ओते-ओते पनियां पटाबा,
भरी-भरी एक रे टेहुनमा।
पनिया के बीचे-बीचे,हरियर मोरिया,
धनमा रोपा हो किसनमा।

धनमा रोपाई जब सारी भुवनमा,
रही-रही हुलसे मोर मनमा।
मनमा हुलसे मोर,हिय मोर हलसे,
गूंजे मोर मन में गीत गनमा।

अबरी अगहनमा में उपजत धनमा,
शोभतै खेत -खरिहनमा।
धनमा से भरी जैइतै बाबा के अंगनमा।
साल भर होइतै भोजनमा।
साल भर होइतै भोजनमा।

       सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
          स्वरचित, मौलिक

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