देवों के देव महान, बाबा बम भोले।
करते हैं कल्याण, बाबा बम भोले।
मस्तक चंदन-भस्म लगाए,
खाते भंग को छान,बाबा बम भोले।
जटा में गंगा,बाल पर चंदा,
रखते विराजमान,बाबा बम भोले।
नाग की माला,बाघ की छाला,
पहनकर करते शान, बाबा बम भोले।
हाथ में त्रिशूल,डमरू शोभे,
कमण्डल में है धान,बाबा बम भोले।
सदा ही करते बैल सवारी,
इनकी है पहचान,बाबा बम भोले।
कैलाश गिरी पर रहने वाले,
फिरते सदा मशान,बाबा बम भोले।
बाबा हैं भोले भंडारी,
कर ले इनका ध्यान, बाबा बम भोले।
ब्रह्मा-विष्णु, कार्तिक-गणपति,
सब करते सम्मान, बाबा बम भोले।
शिवशंकर हैं औघड़ दानी,
देते हैं वरदान, बाबा बम भोले।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
ब्रह्मा-विष्णु, कार्तिक-गणपति,
ReplyDeleteसब करते सम्मान, बाबा बम भोले।
शिवशंकर हैं औघड़ दानी,
देते हैं वरदान, बाबा बम भोले।///
क्या बात है सुजाता जी | बहुत भावपूर्ण सृजन भोले बाबा के नाम | सभी पंक्तियाँ बढ़िया हैं | बाबा की ऋतू विशेष पर आपको ढेरों शुभकामनाएं और बधाई |
जी सखी सादर धन्यवाद।
Deleteसावन के पावन पर्व पर आपको सपरिवार शुभकमनाएं
ReplyDeleteआपको भी भी भाई !आपको तो मैं नहीं बोली।एक साझा संकलन है मातृत्व पर उसमें प्रतिभाग करेंगे क्या आप।
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