Saturday, February 6, 2021

नन्ही परी



खुशी का ठिकाना नहीं,
मेरे घर आई है नन्ही परी।
इसको मिटाना नहीं,
मेरे.................
मेरा ही अंश है,मेरा स्वरूप है।
मैं मां बनी वह बेटी का रूप है।
आज मेरी गोद भरी,
मेरे घर आई है नन्ही परी।
खुशी का ठिकाना नहीं,
मेरे......................
जब मैं थी मां की गोदी में आई।
मां ने भी कितनी थी खुशियां मनाई।
चाहे माने जमाना नहीं,।
मेरे घर आई है नन्ही परी
खुशी का ठिकाना नहीं,
मेरे घर..............
आज है बेटी, कल होगी माता।
बेटाऔर बेटी सबकी जन्मदाता।
की मेरी गोदी हरी,
मेरे घर आई है नन्ही परी।
खुशी का ठिकाना नहीं,
मेरे घर..................
        सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
            
          स्वरचित ,मौलिक

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