मौसम बड़ा सुहावना, आया है वसंत।
लेकर आया साथ में, खुशियां है अनंत।
मुस्काई कलियां प्यारी, महक उठी सब डाल।
इस प्यारे मौसम ने, ऐसा है किया कमाल।
आम पेड़ की डाल पर,रही है कोयल कूक।
जिसे सुनकर विरहन के,दिल में मारे हूक।
उड़ रही तितलियां, भौंरे ने छेड़ी तान।
होठों पर सब लोग के, थिरक रही मुस्कान।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
स्वरचित, मौलिक
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