Friday, August 29, 2025

मां जगदम्बे गीत

आस धरी अईली दुअरिया केबङिया खोला हे मैया।
केबङिया खोला हे मैया,तनी एने फेरा नजरिया,
केबङिया खोला हे मैया.....
गंगाजल स्नान करन को,भरी-भरी लैलूं गगरिया,
केबङिया......
सेनुर-टिकुली,बाली-लहठी,लैली लाली चुनरिया,
केबङिया.............
बेली-चमेली,उङहुल कलिया, तोड़ी-तोडी लैलूं डलिया
केबङिया..........
गङी-छुहाङा, दाखिल मुनक्का,भरी-भरी लैलूं थरिया
केबङिया..........
धूप-दीप-कर्पूर जलाऊं,सभे मिली सांझ के बेरिया, 
केबङिया,..............
मैया अइहा हमर दुअरिया,अपराध से बाढ़ूं डगरिया,
केबङिया...............
मैया अपन भक्त  समझ के,मन से दिया आशीषिया 
केबङिया.............

सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

5 comments:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर रविवार 31 अगस्त 2025 को लिंक की गई है....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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  2. मैया अपन भक्त समझ के,मन से दिया आशीषिया
    केबङिया.............
    जय माता दी 🌹🌹🚩

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  3. बहुत ही बढ़िया जय माता दी

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