Thursday, August 14, 2025

जीवन संदेश

वर्तमान में जी लो भाई बीते पल न याद करो
भावी दिन की चिंता में तुम समय नहीं बर्वाद करो।
माना बचपन के दिन थे प्यारे बहुत मौज हम करते थे।़ खेल -कूद कर समय बिताते खूब चौकड़ी भरते थे। बचपन बीता आई जवानी इसको तुम आवाद करो।
भावी दिन की चिंता में...............
देख जवानी लेकर आया बल-बुद्धि-विश्वास नया।
बाजू में ताकत,मन में हिम्मत,दिल में है उल्लास नया।
पराक्रम ओ हिम्मत से तुम
भावी दिन की चिंता में................
वृद्धावस्था से मत घबराओ इसमें भी है मौज बड़े ।कहानियां सुनने आएंगे नाती-पोतो की फौज बड़ी ।
उनके संग में बचपन जी लों जवानी को भी याद करो। भावी दिन की चिंता में,
             सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

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