भोले बाबा हैं दिगम्बर,तन पे ओढें हैं बाघम्बर,
इनके बस में धरती-अम्बर सभी जानते।
इनके मस्तक पर है चंदा,जाए से बहती गंगा,
इनका मन है बङा चंगा,सभी जानते।
जो बाबा की शरण में आता,झोली भरकर जाता।
जो बाबा का नाम है लेता,मनचाहा वर पाता।
बाबा मेरे औढर दानी,ये तो बहुत बड़े वरदानी।
वर देते हैं वरदानी, सभी जानते।
भोला मेरे जग में नामी,हैं भोले अन्तर्यामी।
ब्रम्हांड समूचा इनके वश में,ये तीन लोक के स्वामी।
डम-डम डमरू रोज बजाते,भूतो को संग नचाते,
भक्तों के कष्ट मिटाते, सभी जानते।
भांग-धथुरा खानेवाले,बाबा भोले-भाले।
सब देवों के देव हैं भोला,मन के बड़े निराले।
इनके गले सर्प की माला,इनके कर में त्रिशूल भाला,
भोला पीते विष का प्याला, सभी जानते।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
No comments:
Post a Comment