द्वार तेरे खड़ी हूं मां प्यार कर लो।
बेली-चमेली का माला बनाया,
उ उङहुल फूल लगा है सिंगार कर लो.
द्वार तेरे ..............
दाख-मुनक्का का भोग लगाया,
संग नारियल-छुहाङा आहार कर लो।
द्वार तेरे ...............
कंचन थाली कपूर की बाती,
आरती उतारें स्वीकार कर लो।
द्वार तेरे................
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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