Saturday, August 12, 2023

हमारे पंच महाभूत

हमारे पंच महाभूत

पाँच तत्वों से यह बना वदन है।
  गगन,धरा,जल,अग्नि,पवन है।
    सदा हमारा ये हैं साथ निभाते।
      इनके बिना हम रह नहीं पाते।
        ये पाँच तत्व हैं गुणों से भरपूर।
          रह नहीं सकते हम इससे दूर।

धरती माँ हमको धारण करती।
  गोद बिठाकर हो पालन करती।
     दूध सम अपना जल पिलाती।
       कंद-मूल,अन्न-फल खिलाती।
        देती हो हम सबको तुम जीवन।
           हे माते!तुमको हमारा है वंदन।

आकाश पिता बन देता छाया।
  स्वस्थ्य-सुरक्षित,निरोगी काया।
    सूरज द्वारा देता ऊष्मा-प्रकाश।
      रजनी में चंद्रमा द्वारा दे उजास।
        शरद ऋतु में शीतलता है लाता।
          वर्षा में झमाझम पानी बरसाता।

जल ही जीवन है समझो भाई।
  इससे नहाते और करते सफाई।
    जल हमारा है स्वास्थ्य बढ़ाता।
      हर कामों में है यह काम आता।
       इसके बिना हम जी नहीं सकते।
          इसके बदले कुछ पी नहीं सकते।

वायु पीकर हम सांँस हैं लेते।
  इसके कारण ही तो हैं जीते।
    हमारे तन में फूंकता है प्राण।
     सदा बचाता जीवों की जान।
        स्वच्छ रखेंगे जब हम वायु।
          तब होंगे स्वस्थ और दीर्घायु।

अग्नि जग में प्रकाश फैलाता।
  अंधकार को यह है दूर भागता।
    भोजन को ऊष्मा देकर पकाता।
      सदा ही ठंड से वह हमें बचाता।
        बुरी वस्तुओं को सदा जलाता।
          इसके बिन जीवन चल न पाता।
         
              सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

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