जिनके मन में प्रेम है,करते वे प्रणाम।
गुरुजनों को करें,प्रणाम सुबह-शाम।।
प्रणाम सिखाता लोग को,अनुशासन का भाव ।
प्रणाम वही जन करते,जिनका सरल स्वभाव। ।
बडों के लिए जिनके मन में ,हो आदर का भाव ।
प्रणाम देता शीतलता,मिटाता मन का कशोभ।
सम्मान देते लोग को,रखें न मन में लोभ।।
नम्र करते हैं सदा,झुककर सदा प्रणाम।
शीश नवागुरु जनों को ,सुबह शाम।
प्रणाम मिटाता है सदा,मन के सारे क्रोध।।
क्मा
क्षमा-भाव आता सदा,मिटता मन प्रतिशोध। ।
प्रणाम टालता है सदा,अंतर का अहंकार।
प्रणाम वे जन करते,जिनका श्रेष्ठ विचार।
प्रणम्य भाव से दिखता मानव का व्यवहार।
मन में लाता नम्रता,सभी श्रेष्ठ संस्कार। ।
सुजाता प्रिय समृद्धि