हाथ जोड़कर भक्त खड़े हैं। नतमस्तक ले आस खड़े हैं।।
हे शिव शंकर हे बम भोला। आज आइए मेरे टोला ।।
जग प्राणी के कष्ट मिटाने ।जग के सब संताप हटाने ।।
त्राहिमाम करता जग सारा। चहुं ओर फैला अँधियारा।।
हर-हर-हर भोले त्रिपुरारी। सब संकट तुम हरो हमारी ।।
दया करो तुम हे नगेश्वर। हे शिव शंकर हे परमेश्वर।।
आई जग में विपदा भारी। त्रस्त है जिससे दुनिया सारी।।
पीकर तूने विष का प्याला । सारे जग का बन रखवाला।।
आज नाथ तू हमें बचा लो ।सारे दुख को दूरभाग दो ।
क्षमा करो अपराध हमारा। भूल-चूक जो भी हो सारा।।
शिव बोले तुम सुनो भवानी।सारे जग की तुम हो रानी।।
सुनो सुनो हे शैल किशोरी ।तुम तो मन की हो अति भोरी।
चल भक्तों की शुद्ध-बुद्ध लेने। सुख औ समृद्धि उनको देने।।
यह जग है मेरी ही माया। हमने रची जीव की काया।
हमको इनकी रक्षा करना। इनके सब कष्टों को हरना।।
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