मुस्कुराता चल
मुस्कुराता चल सदा तू,मुस्कुराता चल।
मन से दुःख को दूर करने,मुस्कुराता चल।
मुस्कुराता चल सदा तू..........
मुस्कान वह हथियार है जो,दुःख को करता है पराजित।
उमंग को मन में है लाता,सुख से दुःख करता विभाजित।
मुस्कान है हथियार सुख का यह बताता चल।
मुस्कुराता चल सदा तू......
मुस्कान है शृंगार तेरा,रह सदा तू सज-सँवर।
मुस्कान की उपचार से,दु:ख-दर्द होता बेअसर।
मन के छाले को छुपा लो,सुख दिखाता चल।
मुस्कुराता चल सदा तू,........
मुस्कुरा तू फूल जैसे,कर दंश भौरों का सहन।
शीत-ताप को अंग से लगा,मुस्कान की चोला पहन।
दुख से नहीं घबराएँगे हम, यह बताता चल।
मुस्कुराता चल सदा तू........
देखना मुस्कान से दुःख भी सदा घबराएगा।
मुस्कान की आभा से डर,निकट न तेरे आएगा।
मुस्कुरा कर तुम जहाँ से दुःख भगाता चल।
मुस्कुराता चल सदा तू............
सुजाता प्रिय समृद्धि