पिया अब तो नशा तुम छोड़ दो,
तोरे पैयां पड़ूँ बालमा।
तोरे पैयां पड़ूँ तोरे विनती करूँ,
पिया अब तो नशा तुम छोड़ दो,
तोरे पैयां पड़ूँ बालमा।
जब पीते हो सिग्रेट-बीड़ी पिया।
धूँ- धूँ कर जलता है तेरा जिया।
पिया दिल को जलाना छोड़ दो,
तोरे पैयां पड़ूँ बालमा।
जब पीते हो तुम शराब पिया।
तेरा मन हो जाता खराब पिया।
पिया मन को बहकाना छोड़ दो,
तोरे पैयां पड़ूँ बालमा।
तंबाकू भी बड़ा है रोगों का घर।
जानकर क्यों खाते हो ये जहर।
पिया रोगों से मरना छोड़ दो,
तोरे पैयां पड़ूँ बालमा।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'