Sunday, August 3, 2025

जय मां दुर्गा

अपने भक्तों की विनती स्वीकार कर लो।
द्वार  तेरे  खड़ी हूं मां प्यार कर लो।
बेली-चमेली का माला बनाया,
उ उङहुल फूल  लगा है सिंगार कर लो.
द्वार तेरे ..............
दाख-मुनक्का का भोग लगाया,
संग नारियल-छुहाङा आहार कर लो।
द्वार  तेरे ...............
कंचन  थाली कपूर  की बाती,
आरती उतारें स्वीकार कर लो।
द्वार तेरे................
            सुजाता प्रिय 'समृद्धि'

माता रानी की विनती

माता रानी की विनती 

करुँ नमन मैं बारंबार,कष्ट से दो मांँ उबार।
भँवर में नैना मेरी,कर दे माँ उस पार।।
निश दिन करुँ पुकार,हृदय से करुँ गुहार,
भंवर में नैया मेरी......
जीवन नैया तुम ही खेवैया,
अब तो पार करो हे मैया,
सारे जगत की तुम रखबैया,
तुझ बिन कोई नहीं खेबैया।
मुझ पर भी कर उपकार ।
दुनियाँ मेरी दे संवार,
भंवर में नैया मेरी......
बिगड़ी मेरी बना दो हे माता !
हे जग-जननी हे जगमाता।
द्वार तुम्हारे जो भी है आता।
पूर्ण मनोरथ सब सुख पाता।
आई हूंँ मैं तेरे द्वार, 
मुझको भी दे अपना प्यार ।
भंवर में नैया मेरी......
मांँ मैं तेरे चरणों की दासी।
आज मिटा दो सभी उदासी।
तेरी दया की मैं अभिलाषी।
तेरी कृपा की हूँ प्रत्याशी।
कर रही मैं पुकार,मेरी भी सुनो गुहार।
भँवर में नैया मेरी.......
आई हूँ मैं तेरे द्वार.......
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'