मिल-जुलकर सभी से रहना,आपस में न लड़ना।
नये-नये पकवान बनाकर दादी हमें खिलाती।
दूध,छाछ अमझोरा,सत्तु, लस्सी हमें पिलाती।
कहती कोल्ड्रिंक्स न पीना घड़े का पानी पीना।
मिल-जुल-कर ...............
दादी मां अपने विस्तार पर, साथ हमें सुलाती।
दादा जी संग घूमने जाती, साथ हमें ले जाती।
ट्रैफिक का नियम बताती,कहती बायें चलना।
मिल-जुलकर ............
दादी मां हमको रोज सुनाती, प्यार भरी कहानी।
फिर अंत में शिक्षा दे कहती,करना ना मनमानी।
सदा बड़ों का कहना मानो, खूब पढ़ाई करना।
मिल-जुलकर .............
मां-पिताजी के गुस्से से, दादी मां है हमें बचाती।
फिर प्यार से गोद बिठाकर,हमको है समझाती।
अच्छे बच्चे ज़िद न करते, शैतानी न तुम करना।
मिल-जुलकर .................
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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