Sunday, August 9, 2020

जीया सब बिहार के लाला

बिहार धरती दिवस पर साईकिल यात्रा कर धरती पर पौधा रोपण करने वाले सभी भाईयों को समर्पित।

जीया सब बिहार के लाला

जीया सब बिहार के लाला।
जीया हो सब हजार साला।
सगरो घूम-घूम के,
सभे झूम-झूम के।
सभे घूम-घूम के,
धरती पर पेड़ लगाबा हो भैया!

आज बिहार घरती दिवस है,
सबके तू बताबा।
स्वच्छ बनाबे धरती अपन,
सब मिलके समझाबा।
जने मिलै कौनो बंजर धरती
हरियाली तू फैलाबा हो भैया!
सभे घूम-घूम के,
धरती पर पेड़ लगाबा हो भैया!

साईकिल यात्रा तोहर बड़ी निराली,
पेट्रोल जले ना डीजल।
ना दुर्गंध ना धूआँ उगले,
झटपट मारा पैंडल।
साईकिल यात्रा के फयदा ,
सबके बताबा हो भैया!
सभे घूम-घूम के,
धरती पर पेड़ लगाबा हो भैया!

कटौना,दाबिल,गरसंडा में तू
अनगिनत पौध लगैला।
नगदेवा,लभैत,टुंबा पहाड़ पर भी,
हरियाली फैलैला।
धरती के सगरे मरुभूमि के हरियर, बनाबा हो भैया!
सभे घूम-घूम के,
धरती पर पेड़ लगाबा हो भैया!

अब पेड़ लगाके पर्यावरण,
बचाबा हो भैया!

        सुजाता प्रिय'समृद्धि'
   स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित

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