जननी की ललकार
जा जा रे बेटा जा रे जा तू सरहद पर।
देश की रक्षा करना , चाहे जान जाए।
बोली माँ कलेजे पर पत्थर रखकर,
द्वार के भीतर आकर वह आँसू बहाए।
भारत की रक्षा है पहला कर्तव्य तेरा।
निभाकर तू ऊँचा करना मस्तक मेरा।
दूध की लाज रखना,देश को बचाकर,
थीरज धरूँगी जब तू वापस न आए।
जा जा रे बेटा जा रे.................
सीमा सुरक्षा करना तू बंदूक तानकर।
दुश्मनों को मारो,खेल अपनी जान पर।
मेरा प्यारा पूत ,तब ही तू कहलाएगा,
आतंकियों को जब तुम मार गिराये।
जा जा रे बेटा जा रे.................
भारत की धरती को अब कोई न लूटे।
वीरों के रहते माँ की किस्मत ना फूटे।
मैं जननी,जन्मभूमि का तुम रखवाले,
रक्षा की शपथ ले,तू अपनी जान गवाए।
जा जा रे बेटा जा रे...............
सुजाता प्रिय'समृद्धि'
स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित
वीरों के रहते माँ की किस्मत ना फूटे।
ReplyDeleteमैं जननी,जन्मभूमि का तुम रखवाले,
रक्षा की शपथ ले,तू अपनी जान गवाए।
मातृभूमि की शान और आन के रखवाले वीरों की माताएं भी कम वीर नहीं होती | वीर माता का परमवीर पुत्र को सुंदर और भावपूर्ण उद्बोदन !!!इन्ही माताओं की प्रेरणा से देश की सीमाएं सुरक्षित हैं सखी | शानदार आह्वान !!!!
बहुत-बहुत धन्यबाद एवं आभार सखी।सादर नमन।
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