प्रतियोगिता
होड़ लगी जब जंगल में,
कौन पहुंचता मंजिल पहले।
खरगोश दौड़ा तेजी से,
कछुआ चला धीरे,-धीरे।
बहुत ही पीछे है कछुआ,
सोंच खरगोश सो गया।
धीरे धीरे चल कछुआ🐢
मंजिल तक पहुँच गया।
लगनशील जो होते हैं।
सफल सदा ही होते हैं।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
बहुत सुंदर
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