लगनशीलता
एक बार घने 🌲जंगल में,
हुयी प्रतियोगिता भाई।
कछुआ🐢और🐇खरगोश ने
मिलकर दौड़ लगाई।
जंगल के लाल🗿पत्थर पर,
जो पहले पहुंचेगा।
विजेता🏆वह कहलाएगा,
सिर पर 👑ताज सजेगा।
तेजी से दौड़ा खरगोश🐇,
कछुआ🐢 की थी धीमी चाल।
नतमस्तक कछुआ🐢 बेचारा,
खरगोश🐰 का था ऊँचा भाल।
खरगोश को निज तीव्र गति पर,
था बहुत ही अभिमान।
सोचा 🐢कछुआ बहुत दूर है,
कर लूँ थोड़ा मैं विश्राम।
जा सोया वह 🌳पेड़ के नीचे,
मीठी-गहरी नींद में।
कछुआ चलता रहा निरंतर,
पल-पल धीमी गति में।
नींद खुली फिर खरगोश ने,
तेजी से दौड़ लगाई।
पत्थर पर देखा पहले से,
पहुंचा है कछुआ🐢 भाई।
तुम भी बच्चों अपने मन से
कभी हार न मानो।
बढ़ सकते हो सबसे आगे
ऐसा मन में ठानो।
जीवन की चुनौतियों से
कभी नहीं घबराओ।
रखो दृढ़ विशवास हृदय में,
आगे बढ़ते जाओ।
सुजाता प्रिय समृद्धि
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