Wednesday, November 27, 2024

लगनशीलता

          लगनशीलता

एक बार घने 🌲जंगल में, 
               हुयी प्रतियोगिता भाई। 
कछुआ🐢और🐇खरगोश ने
                 मिलकर दौड़ लगाई। 
जंगल के लाल🗿पत्थर पर, 
                    जो पहले पहुंचेगा। 
विजेता🏆वह कहलाएगा, 
           सिर पर 👑ताज सजेगा। 
तेजी से दौड़ा खरगोश🐇, 
    कछुआ🐢 की थी धीमी चाल। 
नतमस्तक कछुआ🐢 बेचारा, 
   खरगोश🐰 का था ऊँचा भाल। 
खरगोश को निज तीव्र गति पर, 
               था बहुत ही अभिमान। 
सोचा 🐢कछुआ बहुत दूर है, 
             कर लूँ थोड़ा मैं विश्राम। 
जा सोया वह 🌳पेड़ के नीचे, 
                   मीठी-गहरी नींद में। 
कछुआ चलता रहा निरंतर, 
               पल-पल धीमी गति में। 
नींद खुली फिर खरगोश ने, 
                  तेजी से दौड़ लगाई। 
पत्थर पर देखा पहले से, 
         पहुंचा है कछुआ🐢 भाई। 
तुम भी बच्चों अपने मन से 
                    कभी हार न मानो। 
बढ़ सकते हो सबसे आगे
                     ऐसा मन में ठानो। 
जीवन की चुनौतियों से
                  कभी नहीं घबराओ। 
रखो दृढ़ विशवास हृदय में, 
                    आगे बढ़ते जाओ। 

          सुजाता प्रिय समृद्धि

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